Anjuman Prakashan
Joined - September 2024
70 के दशक में जयपुर के एक मेडिकल कॉलेज से शुरू हुई डॉ. अविनाश व डॉ. शुचि की प्रेम-कहानी, और इसका अंत हुआ साल 2020 में यू. एस. ए. में, तकरीबन 50 साल की इस ज़िंदगी में बहुत से अच्छे और बुरे वक्त देखे इन्होंने, लेकिन इस दौरान एक ऐसा तूफान आया इनकी ज़िंदगी में जिसने राहें ही बदल दीं इनकी, क्या उस तूफान से ये उबर पाए या बहा ले गया वो इन्हें अपने साथ, जानने के लिए पढ़िए मेरा उपन्यास ' संग तेरे हमेशा'।
70 के दशक में जयपुर के एक मेडिकल कॉलेज से शुरू हुई डॉ. अविनाश व डॉ. शुचि की प्रेम-कहानी, और इसका अंत हुआ साल 2020 में यू. एस. ए. में, तकरीबन 50 साल की इस ज़िंदगी में बहुत से अच्छे और बुरे वक्त देखे इन्होंने, लेकिन इस दौरान एक ऐसा तूफान आया इनकी ज़िंदगी में जिसने राहें ही बदल दीं इनकी, क्या उस तूफान से ये उबर पाए या बहा ले गया वो इन्हें अपने साथ, जानने के लिए पढ़िए मेरा उपन्यास ' संग तेरे हमेशा'।
राजस्थान के जयपुर शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मीं दीपिका जैन, यूँ तो इन्होंने शिक्षा कॉमर्स विषय में प्राप्त की थी, लेकिन हिन्दी भाषा में कहानियाँ व कविताएँ लिखना इन्हें बचपन से ही बेहद प्रिय है, 'काव्या', 'कुछ लम्हे ज़िंदगी के' एवं 'कैसा है ये प्यार' जैसी किताबें आप तक पहुँचाने वाली दीपिका साल 2014 से ब्लॉगिंग भी कर रही हैं, इनका एक ब्लॉग हिन्दी कविताओं का एवं दूसरा हिन्दी कहानियों का है, एवं ये उन्हें पिछले आठ सालों से सफलतापूर्वक चला रही हैं। आप उनके कार्य को फॉलो करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जा सकते हैं।
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