Akshay mahida
Joined - November 2024
कहानी का पात्र जिग्नेश ओर दिशा के अपने अलग अलग लक्ष्य हे। जिग्नेस को करनी हे शादी और दिशा को अपना अनाथ आश्रम बनाना हे । दोनों एक दूसरे से जुड़ते हे अलग होने के लिए और अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए ।
जिग्नेश एक गुजराती फ़ैमिली से हे जिग्नेश को कोई भी हाल में शादी करनी हे। १२ लड़की देखने के बाद भी जिग्नेश की शादी नहीं हुई। फिर एक दिन दिशा की शादी की बात जिग्नेश से चलती हे। जिग्नेश शादी के लिए हा कर देता हे। वो लड़की थी तेरवी। सब कुछ ठीक था बात शादी के मंडप तक चली गई। पर शादी के दिन ही दिशा भाग जाती हे। कुछ ग़लतफ़हमी के चलते। जिग्नेश दुखी होता हे फिर क़िस्मत को कोश के अपना वही काम शुरू कर देता हे। एक बार फिरसे जिग्नेश की लाइफ में एक लड़की आती तान्या नाम की उसी के ऑफ़िस में। दोनों को प्यार होता हे शादी की बात चलती हे शादी की हा भी होती हे फिर जिग्नेश की क़िस्मत ख़राब तान्या का पहला प्रेमी आत्महत्या की कोशिस करता हे। तान्या को पता चलता हे और जिग्नेश को भी। जिग्नेश ख़ुद तान्या को उसके पहले प्रेमी के पास रहने को कहता हे। फिर क़िस्मत का मारा जिग्नेश दारु का सहारा लेता हे। एक रात नशे में जिग्नेश रोड पर पड़ा था। तभी वहाँ से उसे एक लड़की ले जाती हे। दूसरे दिन जिग्नेश की आँख खुली तो वो अपने आसपास बोहत सारे बच्चो को देखता हे । तभी वहाँ तेरवी आती हे । तेरवी यानी दिशा । दिशा से मिलने के बाद उसके और दिशा के बीच जो ग़लत फ़हमी थी उससे दुर करते हे दोनों। फिर दोनों मिल के एक होने का फ़ेसला लेते हे जिसमे दोनों को अलग भी होना हे। और जिग्नेश अपने लक्ष्य को भूल दिशा को अपना आश्रम बनाने में मदद करता हे। पर दिशा कोन थी और शादी से क्यों भागी उससे क्यों आश्रम बनवाना था। और जिग्नेश ने उसकी मदद क्यों की ?? …………
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