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"किताब के अन्तिम कवर पृष्ठ हेतु:
‘‘एक इंसान की ढेरो कहानियाँ होती हैं। एक कहानी में अनेको इंसान हो सकते हैं। हर कहानी किसी न किसी सच से होकर गुजरती है। ऐसे सच जो कहीं दबे, अनसुने, अनकहे रह जाते हैं। ऐसे सच को कहानियों के रूप में कागज पर उतारना ठीक वैसे ही है जैसे किसी के बीते कल को उसी अहसास के साथ दोबारा जीना। भले उनमें कल्पनाओं की उड़ान और अतिश्योक्ति के रंग भरे हों, बावजूद इसके ये कहानियाँ ही हैं जो वर्तमान को अतीत से मिलाती हैं। अतीत की गहराईयों में झांककर मैंने भी कुछ कहानियां बाहर निकालने का प्रयास किया है। इन कहानियों का हर किरदार मेरे आसपास से होकर गुजरा है। इन किरदारो की जाति जिन्दगानी का कुछ अंश में इस ‘‘पिटारे’’ में बंद कर रहा हूं। मेरा ये ‘‘पिटारा’’ उसी का कुछ हिस्सा भर है जो मैंने देखा, जिया और महसूस किया है।
अरूण कुमार ‘‘मानव’’"

Short Synopsis

"किताब के अन्तिम कवर पृष्ठ हेतु:
‘‘एक इंसान की ढेरो कहानियाँ होती हैं। एक कहानी में अनेको इंसान हो सकते हैं। हर कहानी किसी न किसी सच से होकर गुजरती है। ऐसे सच जो कहीं दबे, अनसुने, अनकहे रह जाते हैं। ऐसे सच को कहानियों के रूप में कागज पर उतारना ठीक वैसे ही है जैसे किसी के बीते कल को उसी अहसास के साथ दोबारा जीना। भले उनमें कल्पनाओं की उड़ान और अतिश्योक्ति के रंग भरे हों, बावजूद इसके ये कहानियाँ ही हैं जो वर्तमान को अतीत से मिलाती हैं। अतीत की गहराईयों में झांककर मैंने भी कुछ कहानियां बाहर निकालने का प्रयास किया है। इन कहानियों का हर किरदार मेरे आसपास से होकर गुजरा है। इन किरदारो की जाति जिन्दगानी का कुछ अंश में इस ‘‘पिटारे’’ में बंद कर रहा हूं। मेरा ये ‘‘पिटारा’’ उसी का कुछ हिस्सा भर है जो मैंने देखा, जिया और महसूस किया है।
अरूण कुमार ‘‘मानव’’"

Author Bio

"लेखक के बारे में:
जय ज्ञान, जय विज्ञान। साहित्य का विद्यार्थी। जन्मभूमि उत्तर प्रदेश का क्रांतिकारी शहर मेरठ।दो उपन्यास एवं एक कहानी संग्रह प्रकाशित। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, गजल, मुक्तक, लघु कथा, कहानियां आदि प्रकाशित।उपन्यास ‘‘आजाद हवाएँ’’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘‘डा0 रांगेय राघव’’ युवा लेखन पुरूस्कार से सम्मानित।राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा ‘‘डा0 विद्यानिवास मिश्र’’ पुरूस्कार से सम्मानित।"

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