Anjuman Prakashan
Joined - September 2024
‘बेज़बाँ मंज़र’ के उर्दू रस्मुलख़त में शाया (प्रकाशित) होने पर जो लोग उर्दू पढ़ सकते थे उन्हें किताब पाकर ख़ुशी हुई मगर जो लोग उर्दू पढ़ना नही जानते और मेरी ग़ज़लें पढ़ना चाहते हैं, ज़ाहिर है उन्हें निराश होना पड़ा। ऐसे तमाम लोगो ने मुझ से देवनागरी लिपि में किताब प्रकाशित करवाने का अनुरोध किया तो मैंने देवनागरी लिपि में किताब के लिए कुछ चुनिन्दा ग़ज़लें ‘बेज़बाँ मंज़र’ से, और कुछ ग़ज़लें ‘बेज़बाँ मंज़र’ के शाया होने के बाद कही गयी नयी ग़ज़लो में से चुनकर किताब का मुसव्वदा मुकम्मल किया, जिसे प्रकाशित करवा कर आपके मुबारक हाथो में सुपुर्द करके अपना फ़र्ज़ अदा कर रहा हूँ। इस किताब का मुसव्वदा तैयार करने में जनाब शकील ग्वालियरी साहब के बेश क़ीमत मशविरे के लिए उनका तहे-दिल से मश्कूर और ममनून हूँ। मैं अपने छोटे बेटे राहुल और नातिन कु. शुभी का भी मुसव्वदा की टाइपिगं में मदद के लिए शुक्रगुज़ार हूँ, इसके अलावा जिन दोस्तों ने मुझे स्तों हिदी में मेरी ग़ज़लो की किताब प्रकाशित करवाने के लिए प्रोत्साहित किया है या अन्य किसी भी तरह से मेरे मददगार रहे है उन सबका भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
‘बेज़बाँ मंज़र’ के उर्दू रस्मुलख़त में शाया (प्रकाशित) होने पर जो लोग उर्दू पढ़ सकते थे उन्हें किताब पाकर ख़ुशी हुई मगर जो लोग उर्दू पढ़ना नही जानते और मेरी ग़ज़लें पढ़ना चाहते हैं, ज़ाहिर है उन्हें निराश होना पड़ा। ऐसे तमाम लोगो ने मुझ से देवनागरी लिपि में किताब प्रकाशित करवाने का अनुरोध किया तो मैंने देवनागरी लिपि में किताब के लिए कुछ चुनिन्दा ग़ज़लें ‘बेज़बाँ मंज़र’ से, और कुछ ग़ज़लें ‘बेज़बाँ मंज़र’ के शाया होने के बाद कही गयी नयी ग़ज़लो में से चुनकर किताब का मुसव्वदा मुकम्मल किया, जिसे प्रकाशित करवा कर आपके मुबारक हाथो में सुपुर्द करके अपना फ़र्ज़ अदा कर रहा हूँ। इस किताब का मुसव्वदा तैयार करने में जनाब शकील ग्वालियरी साहब के बेश क़ीमत मशविरे के लिए उनका तहे-दिल से मश्कूर और ममनून हूँ। मैं अपने छोटे बेटे राहुल और नातिन कु. शुभी का भी मुसव्वदा की टाइपिगं में मदद के लिए शुक्रगुज़ार हूँ, इसके अलावा जिन दोस्तों ने मुझे स्तों हिदी में मेरी ग़ज़लो की किताब प्रकाशित करवाने के लिए प्रोत्साहित किया है या अन्य किसी भी तरह से मेरे मददगार रहे है उन सबका भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
नाम - महावीर प्रसाद जैन लेखकीय नाम - महावीर तनहा जन्म - 15 अगस्त 1951 जन्म स्थान - भिण्ड, मध्य प्रदेश शिक्षा - बी.कॉम. संप्रति - स्वास्थ्य विभाग मध्य प्रदेश शासन के मुख्य लिपिक पद से सेवानिवृत रचना काल - 1969 से निरंतर प्रकाशन - गजल संग्रह ‘बेजबाँ मंजर’ (मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी के सहयोग से उर्दू लिपि में वर्ष 2018 में प्रकाशित) श्री कृष्ण कुमार प्रजापति द्वारा सम्पादित गजल संग्रह ’30 गजलगो 300 गजलें‘ में 10 गजलें संकलित विभिन्न पत्र पत्रिकाओ में 1970 से गजलों का निरंतर प्रकाशन पता - द्वारा मधुर ज्वेलर्स, पुराना सराफा, किला रोड, भिण्ड (म.प्र.) 477001 संपर्क - 992625-8161
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