Our Projects

product

Logline

कोठे पर रहने वाली कोई लड़की कैसे किसी से निस्वार्थ प्रेम कर सकती है? कैसे वह किसी की प्रेमिका बन, उसके जीवन के साथ-साथ अपने सपनों को भी साकार कर सकती है? और यदि कर भी ले, तो क्या ये समाज कभी उसके प्रेम की पवित्रता को समझकर सामाजिक मान्यता प्रदान कर सकेगा? ये हकीकत है उन तमाम निर्मलाओं की जो इस समाज का एक अभिन्न हिस्सा तो होती हैं किंतु अतीत के साए में घिरी इस कदर असहाय और मजबूर होती हैं कि उन्हें सपने देखने से भी डर लगता है। आज ऐसी ही कई निर्मलाएं, जो अपने अतीत द्वारा डसे जाने के पश्चात आज इतनी मजबूर हैं कि वे ना चाहते हुए भी अपने अतीत के काले सच को ना केवल अपना जीवन साथी मान बैठी है बल्कि अपने भविष्य को उसमें भुला देने को ही अपना प्रारब्ध भी मान चुकी हैं। ऐसी ही एक निर्मला की कथा है ‘कुआर का क़र्ज़’।

Short Synopsis

कोठे पर रहने वाली कोई लड़की कैसे किसी से निस्वार्थ प्रेम कर सकती है? कैसे वह किसी की प्रेमिका बन, उसके जीवन के साथ-साथ अपने सपनों को भी साकार कर सकती है? और यदि कर भी ले, तो क्या ये समाज कभी उसके प्रेम की पवित्रता को समझकर सामाजिक मान्यता प्रदान कर सकेगा? ये हकीकत है उन तमाम निर्मलाओं की जो इस समाज का एक अभिन्न हिस्सा तो होती हैं किंतु अतीत के साए में घिरी इस कदर असहाय और मजबूर होती हैं कि उन्हें सपने देखने से भी डर लगता है। आज ऐसी ही कई निर्मलाएं, जो अपने अतीत द्वारा डसे जाने के पश्चात आज इतनी मजबूर हैं कि वे ना चाहते हुए भी अपने अतीत के काले सच को ना केवल अपना जीवन साथी मान बैठी है बल्कि अपने भविष्य को उसमें भुला देने को ही अपना प्रारब्ध भी मान चुकी हैं। ऐसी ही एक निर्मला की कथा है ‘कुआर का क़र्ज़’।

Author Bio

कुणाल सिंह, ख़ुद को हिन्दी साहित्य का एक अदना उपासक मानने वाले युवा लेखक हैं। वस्तुतः इन्हें प्रेम प्रसंगों पर लिखना और पढ़ना रुचिकर लगता है किन्तु इनकी रचना में सामाजिक विसंगतियों का चित्रण भी बखूबी देखा जा सकता है। बिहार के सासाराम में जन्मे कुणाल, अपने जीवन के शुरूआती दौर में ही अपने माता-पिता के साथ इलाहाबाद आ गए थे जहाँ से उन्होंने अपनी स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की है। वर्तमान में सरकारी सेवा के साथ-साथ, हिन्दी साहित्य सेवा में अपना रुझान रखने वाले कुणाल सिंह अब तक एक दर्जन से अधिक कृतियों का सृजन कर चुके हैं और ‘कुआर का क़र्ज़’ इनके क्रमबद्ध लेखन की पहली प्रकाशित प्रस्तुति है।

Comments

Leave a Comment

Comment*

Reviews

Write Your Reviews

(0.0)

comment*

Up to Top