Anjuman Prakashan
Joined - September 2024
‘कुछ किस्से - Bits Pilani कैंटीन से', कैंटीन में दोहराये वो किस्से हैं, जो चाय की पहली चुस्की के साथ उतने ही नए हो जाते हैं, जितने कि सिगरेट की आख़िरी कश के साथ पुराने। Bits Pilani के पाँच लड़के कैंटीन में मिलते तो हैं गप्पें मारने के लिए; पर समय के साथ उनकी बातों में वो किस्से होते हैं, जो समाज को, मुहब्बत को, और ज़िन्दगी को खुल के बयान कर रहे होते हैं। किस्सों की शुरूआत कुछ ऐसे ही होती है, जैसे कि ज़िन्दगी की शुरूआत होती है.. नई, खुश और आशावान; और किस्से खत्म भी ऐसे ही होते हैं, जैसे ज़िन्दगी खत्म होती है.. दर्द, तजुर्बे और मुक्ति के साथ। किताब, आपको कैंटीन और टपरी में, चाय के साथ लगाये ठहाके, और उसके बाद की गंभीरता को एक बार फिर से जीने का मौका देगी। किताब में किस्सों की भाषा ऐसी है, मानो दृश्य सजीव हो उठा हो; और फिर किताब को पढ़ने नहीं, बल्कि सुनने और देखने का आनंद मिलता है। किस्सों के बीच में आई कविताएँ नई कलम के नए साहित्य को दर्शा रही हैं।
‘कुछ किस्से - Bits Pilani कैंटीन से', कैंटीन में दोहराये वो किस्से हैं, जो चाय की पहली चुस्की के साथ उतने ही नए हो जाते हैं, जितने कि सिगरेट की आख़िरी कश के साथ पुराने। Bits Pilani के पाँच लड़के कैंटीन में मिलते तो हैं गप्पें मारने के लिए; पर समय के साथ उनकी बातों में वो किस्से होते हैं, जो समाज को, मुहब्बत को, और ज़िन्दगी को खुल के बयान कर रहे होते हैं। किस्सों की शुरूआत कुछ ऐसे ही होती है, जैसे कि ज़िन्दगी की शुरूआत होती है.. नई, खुश और आशावान; और किस्से खत्म भी ऐसे ही होते हैं, जैसे ज़िन्दगी खत्म होती है.. दर्द, तजुर्बे और मुक्ति के साथ। किताब, आपको कैंटीन और टपरी में, चाय के साथ लगाये ठहाके, और उसके बाद की गंभीरता को एक बार फिर से जीने का मौका देगी। किताब में किस्सों की भाषा ऐसी है, मानो दृश्य सजीव हो उठा हो; और फिर किताब को पढ़ने नहीं, बल्कि सुनने और देखने का आनंद मिलता है। किस्सों के बीच में आई कविताएँ नई कलम के नए साहित्य को दर्शा रही हैं।
चिराग खत्री, नब्बे के दशक में उज्जैन के एक मिडिल क्लास घर में पैदा हुए, और जब निर्णय लेने लायक हुए, तो उन्होंने अपनी ज़िंदगी के लिए वही चुना, जो छोटे शहर का मिडिल क्लास अक्सर अपने लिए चुनता है; और वो थी इंजीनियरिंग। पर उन्हें नहीं मालूम था कि ज़िन्दगी उनके लिए कुछ और भी तय कर चुकी है। इंजीनियरिंग की भागम-भाग में सुकून तलाशते चिराग, साहित्य की दुनिया में आये; और इसका सुखद नतीजा है ये पहली किताब। Bits Pilani के चौथे साल में प्रवेश कर चुके चिराग, हर वो चीज़ महसूस कर चुके हैं, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आया युवा, ज़िन्दगी के बारे में समझना चाहता है। ये किताब, एक युवा के दिल से निकली है, पर हर पीढ़ी के दिल पर जाकर खत्म होती है। किताब आने से पहले ही चिराग, कई कॉलेजों में अपनी कविताओं से युवाओं के दिलों तक पहुँच बना चुके हैं| जिस उम्र, जिस पीढ़ी में वे जीते हैं, वो पूरी तरह उनकी रचनाओं में नज़र आता है।
Get the updates, tips and enhance your experience
Up to Top
Comments